चारा घोटाला मामले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की जेल

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चारा घोटाले से जुड़े और देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सीबीआई अदालत ने साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही लालू को 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जज शिवपाल सिंह ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू और अन्य दोषियों को सजा सुनाई. सजा पर फैसले के बाद लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि लालू जी को बेल मिलेगा. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. हमलोग झुकने वाले नहीं हैं. वहीं, लालू के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि न्यायपालिका ने अपना काम किया. हम सजा का अध्ययन करने के बाद हाई कोर्ट जाएंगे और बेल के लिए अप्लाई करेंगे. उधर, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. बिहार की राजनीति में यह फैसला ऐतिहासिक साबित होगा. यह एक अध्याय का अंत है.

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शुक्रवार को सजा सुनाने से पहले लालू यादव ने कहा कि उनका इस घोटाले से सीधा संबंध नहीं था. उन्होंने जज से कहा कि मेरी उम्र और सेहत को देखते हुए कम से कम सजा दें. लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले से संबंधित एक मामले में 23 दिसंबर को दोषी करार दिया था. अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और अन्य छह आरोपियों को इसी मामले में बरी कर दिया था. यह मामला देवघर के जिला कोषागार से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये निकालने से जुड़ा हुआ है. मामले की सुनवाई रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने 13 दिसंबर को पूरी कर ली थी. इस पूरे मामले में कुल 34 आरोपी थे, जिनमें से 11 की मौत हो चुकी है. जबकि एक आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और सीबीआई का गवाह बन गया. बता दें कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में गुरुवार को ही दिन में ग्यारह बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिये गये सभी 16 लोगों की सजा की अवधि पर बहस प्रारंभ होनी थी लेकिन अदालत ने कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद इसके लिए दोपहर बाद दो बजे का समय तय किया. इसके चलते सुरक्षा कारणों के मद्देनजर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को होतवार स्थित बिरसा मुंडा जेल से दोपहर पौने दो बजे सीबीआई अदालत में पेश किया गया.

लालू के साथ इस मामले के सभी 16 अभियुक्तों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया जहां सभी की सजा की अवधि पर उनके वकीलों ने बहस की. बहरहाल, अदालत के वर्णक्रमानुसार अभियुक्तों की सजा पर बहस सुनने के फैसले के चलते लालू की सजा की अवधि पर बहस प्रारंभ नहीं हो सकी. उन्हें अदालत ने पौने तीन बजे के लगभग वापस न्यायिक हिरासत मे जेल भेजने के निर्देश दे दिये. अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सजा की अवधि पर फैसला शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया.

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