परमाणु समझौते का उल्‍लंघन कर रहा ईरान: ट्रंप

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वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान की निंदा करते हुए परमाणु समझौते को खत्‍म करने की धमकी दी। ट्रंप ने ईरान को कट्टरपंथी शासन बताया। अगर कांग्रेस और अमेरिकी सहयोगियों ने “महत्वपूर्ण तरीकों” में समझौते में संशोधन करने में विफल रहे।

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अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप ने घोषणा की थी कि वह 2015 ईरान परमाणु समझौते को प्रमाणित नहीं करेंगे, जिसे उन्होंने ‘सबसे खराब सौदा’ कहा है। उनका यह मानना ​​है कि समझौता संयुक्त राज्य के राष्ट्रीय हितों में नहीं है। ट्रंप ने ईरान को ‘धर्म आधारित शासक देश’ बताते हुए वैश्विक स्तर पर आतंक और हिंसा फैलाने का दोषी बताया है। इसके साथ ही ट्रंप ने परमाणु समझौते को तोड़ने की भी धमकी दी और साथ ही इस समझौते को कांग्रेस के पाले में डाल दिया है।

ईरान परमाणु संधि के प्रावधानों के तह्त अमेरिकी राष्ट्रपति हर 90 दिन पर कांग्रेस को यह प्रमाणित करते हैं कि ईरान समझौते का पालन कर रहा है या नहीं। अब ट्रंप के इस फैसले को नामंजूर करने के बाद कांग्रेस को 60 दिन के अंदर यह तय करना है कि परमाणु समझौते से अलग होकर ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाएं या नहीं।

बता दें कि ‘ईरान परमाणु समझौता रिव्यू एक्ट’ के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति को प्रत्‍येक 90 दिन के अंतराल पर कांग्रेस को यह प्रमाणित करना होता है कि ईरान परमाणु समझौते का पालन कर रहा है। ट्रंप द्वारा इसे दो बार प्रमाणित किया गया है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में यूएस कांग्रेस के पास अब यह तय करने के लिए 60 दिन का समय है कि परमाणु समझौते से अलग होकर फिर से प्रतिबंध लगाए जाएं या नहीं।
व्‍हाइट हाउस की ओर से इस सख्‍त संदेश में ट्रंप ने ईरान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया और कहा कि वह ईरान के परमाणु हथियार हासिल करने के सभी रास्ते रोक देंगे। साथ ही उन्‍होंने कहा कि ईरान 2015 परमाणु समझौते का उल्‍लंघन कर रहा है। जिसके तहत तेहरान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को जारी रखने की अनुमति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि ईरान को उत्तर कोरिया की तरह एक परमाणु खतरा नहीं बनने दिया जाएगा।

दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का मानना है कि ईरान समझौते का पालन कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि 2015 में जिस समझौते के तहत ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाई थी, वह उसका ठीक से पालन कर रहा है। मगर ट्रंप कहते हैं कि समझौता बहुत उदार था और इससे ईरान को नियत सीमा से अधिक हेवी वॉटर (परमाणु बम बनाने के लिए उपयुक्त प्लूटोनियम का स्रोत) प्राप्त करने और अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को धमकाने की छूट दे दी गई है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के पास इस समझौते को कभी भी छोड़ने का अधिकार है।

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