शहर में कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने के लिए असद उमर, इमरान इस्माइल, राजा खुर्रम नवाज, अली अमीन गंडापुर और अली नवाज अवान सहित पीटीआई के कई अन्य नेताओं के खिलाफ भी कई मामले दर्ज किए गए।
इस्लामाबाद पुलिस ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद में उनके आजादी मार्च के दौरान हुए दंगों के संबंध में मामला दर्ज किया है। पीटीआई प्रमुख के अलावा, शहर में कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने के लिए असद उमर, इमरान इस्माइल, राजा खुर्रम नवाज, अली अमीन गंडापुर और अली नवाज अवान सहित पीटीआई के कई अन्य नेताओं के खिलाफ भी कई मामले दर्ज किए गए।
दो पुलिस वालों ने दर्ज कराई FIR
पुलिस ने कोहसर थाने में दंगा और आगजनी के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। पहली प्राथमिकी आसिफ रजा नाम के एक सब-इंस्पेक्टर (एसआई) की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जबकि दूसरी एफआईआर एसआई गुलाम सरवर की ओर से दर्ज की गई थी। दोनों प्राथमिकी पुलिस अधिकारियों की शिकायत पर दर्ज की गईं, लेकिन दूसरे मामले में स्पष्ट रूप से इमरान खान और पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं असद उमर, इमरान इस्माइल, राजा खुर्रम नवाज, अली अमीन गंडापुर और अली नवाज अवान के नाम शामिल हैं।
इमरान की पार्टी के 150 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज
पुलिस ने 150 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 39 को इस्लामाबाद के जिन्ना एवेन्यू में मेट्रो स्टेशनों को जलाने, एक्सप्रेस चौक पर एक सरकारी वाहन को नुकसान पहुंचाने और पाकिस्तानी मीडिया, जियो न्यूज और जंग कार्यालय के शीशे तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। राजधानी इस्लामाबाद बुधवार को उस समय एक युद्ध के मैदान में बदल गई थी जब इमरान खान और उनके काफिले के शहर में प्रवेश करने के बाद पुलिस और पीटीआई मार्च के बीच जमकर हाथापाई हुई।
हो सकती है इमरान खान की गिरफ्तारी
इमरान खान की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन इमरान खान अगर अपनी घोषणा के अनुसार छह दिन बाद दूसरा विरोध प्रदर्शन शुरू करते हैं तो सरकार कुछ नेताओं को पकड़ने के लिए इन मामलों का इस्तेमाल कर सकती है। इससे पहले दिन में, खान ने चेतावनी दी कि यदि ‘‘आयातित सरकार’’ ने छह दिनों की समय सीमा के भीतर नये आम चुनावों की घोषणा नहीं की तो वह ‘‘पूरे देश के साथ’’ पाकिस्तान की राजधानी लौटेंगे। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पलटवार करते हुए कहा कि उनकी धमकी का कोई असर नहीं होगा और चुनाव की तारीख संसद तय करेगी।