देश और दुनिया में नाम कमा चुके हरियाणा के 10 करोड़ की कीमत वाले भैंसे ‘युवराज’ को सोनीपत के गधे ‘टप्पू’ ने 10 लाख रुपये में ही चैलेंज दे दिया है. अब आप यही सोच रहे होंगे की भला 10 करोड़ रुपए की कीमत को 10 लाख रुपये से कैसे चैलेंज दिया जा सकता है तो वो हम बता रहे हैं आपको.
दरअसल हरियाणा के कुरूक्षेत्र के ‘युवराज’ भैंसे की कीमत लोगों ने 10 करोड़ रूपये लगाई, जबकि हरियाणा के ही सोनीपत के एक गधे ‘टप्पू’ की कीमत उसके मालिक ने 10 रुपये लगा दी है.
‘युवराज’ और ‘टप्पू’ की कीमत ने पूरे देश को चौंका कर रख दिया है. सभी यही सोच रहे हैं कि ये भैंसे और गधे नहीं, बल्कि कोई सेलिब्रिटी हो गए हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं है, दोनों में ही ऐसे गुण हैं, जिसके इनकी कीमत इतनी ऊंची बताई जा रही है. 10 लखिया गधे ‘टप्पू’ की खासियत के बारे में उसके मालिक राज सिंह ने बताया कि उनके पास कई खरीदार आये और टप्पू को 5 लाख रुपए में खरीदने की पेशकश भी की, लेकिन उन्होंने इसकी कीमत 10 लाख रुपये लगाई है.
राज सिंह ने बताया कि टप्पू कोई मामूल गधा नहीं है. इसका कद साधारण गधों से सात इंच लंबा है. इसका इस्तेमाल केवल ब्रीडिंग के लिए किया जाता है. रोहतक के बेरी पशु मेले में उत्तर प्रदेश के एक ब्रीडर ने टप्पू को खरीदने के लिए 5 लाख रुपए की बोली लगाई थी, लेकिन उन्होंने बेचने से मना कर दिया. टप्पू सबसे अलग है, इसलिए इसके नखरे उठाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है. इसकी खुराक की बात करें तो यह हर दिन 5 किलोग्राम काले चने, 4 लीटर दूध और 20 किलो हरा चारा खाता है. खाने के बाद मीठे में टिप्पू के लड्डू तो जरूर चाहिए, नहीं तो यो झल्ला जाता है और भागने-दौड़ने लगता है. राज बताते हैं कि टप्पू पर एक दिन का खर्च लगभग 1000 रुपये आता है. इसके अलावा टप्पू को सुबह शाम सैर पर जाने की भी आदत है. राज सिंह ने बताया जब टिप्पू को खुले में घूमने के लिए ले जाया जाता है तो वो जमीन पर लोटकर मस्ती करने लगता है. इसके तबेले में गर्मी से बचने के लिए हर वक्त पंखा चलता रहता है. हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से ब्रीडर टप्पू की सेवाएं लेने आते हैं. ब्रीडिंग के लिए एक बार टप्पू के इस्तेमाल की कीमत 10 हजार रुपए है.