सावन के महीने में लगातार झमाझम बारिश हो रही है। जहां बारिश से होने वाली गर्मी और उमस से लोगों को पूरी तरह राहत मिली है। वहीं, गंगा में भी पानी का स्तर बढ़ रहा है। बांध से भी पानी छोड़ा गया है।
कानपुर। सावन के महीने में लगातार झमाझम बारिश हो रही है। जहां बारिश से होने वाली गर्मी और उमस से लोगों को पूरी तरह राहत मिली है। वहीं, गंगा में भी पानी का स्तर बढ़ रहा है। कई घाटों पर गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है जिसके बाद घाटों पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर गंगा पर ज्यादा पड़ा है। फिलहाल बैराज के सभी 30 गेट खोल दिए गए हैं। हरिद्वार और नरौरा से भारी मात्रा में पानी आने की सूचना को लेकर सिंचाई विभाग के अफसर अलर्ट मोड पर हैं।
हफ्ते भर पहले गंगा के जलस्तर में 1 मीटर तक का असर पड़ा था मगर दो दिन पहले से गंगा फिर से घटने लगीं थीं। यहां तक कि बुधवार को बैराज के अप स्ट्रीम (बैराज से बिठूर की तरफ) 112.90 मीटर तक जलस्तर हो गया था। दस सेंटीमीटर की कमी आई थी। गुरुवार की सुबह इसमें और कमी आई और जलस्तर 112.65 मीटर तक पहुंच गया। आठ बजे से जलस्तर में और उफान आया क्योंकि हरिद्वार और नरौरा से तीन दिन पहले छोड़ा गया पानी यहां पहुंचने लगा था। महज तीन घंटे में ही जलस्तर 112.80 मीटर पहुंच गया। शाम तक इसमें 20 सेंटीमीटर और वृद्धि की संभावना है। बैराज के गेज रीडर उत्तम पाल कहते हैं कि पीछे से आ रहे पानी के वेग तो देखते हुए सारे गेट खोल दिए गए हैं।
हरिद्वार से डिस्चार्ज : 62658 क्यूसेक
कानपुर से डिस्चार्ज : 21760 क्यूसेक
नरोरा बांध से गंगा का पानी आने से बांध का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। गंगा के शहर की ओर मुड़ने से पानी घाटों की ओर बढ़ने लगा। शहर से सटे घाटों पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। वहीं सिंचाई विभाग ने गंगा के बढ़ते पानी और तट पर बसे गांवों को देखते हुए गांवों में पानी आने से पहले आबादी को सावधान करने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है।