गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जताई और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसे जाने की जरूरत है। हिंसा पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों पर राज्य सरकारों से 31 अक्तूबर तक जवाब मांगा है। वहीं पहलू खान हत्या मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की भी जरूरत है।
गुजरात, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक और उत्त्तर प्रदेश ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट दे दी है। कोर्ट ने बाकी राज्यों को भी रिपोर्ट के लिए निर्देश दिए हैं।
दरअसल, गौरक्षकों के हाथों हो रही हिंसा पर नियंत्रण न लगने की वजह से सुप्रीम कोर्ट पहले भी नाराजगी जता चुका है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा था कि वो हर जिले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को बतौर नोडल ऑफिसर तैनात करें। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना होगी, कि उनके जिले में गौरक्षक समूह गायों की रक्षा के नाम पर कानून को अपने हाथों में न लें।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि गौरक्षकों द्वारा की गई किसी भी तरह की गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि अलवर जिले में गत 3 अप्रैल को कथित गोरक्षकों द्वारा कथित गौतस्कर पहलू खान को पीटा था, जिसमें उसकी मौत हो गई थी। पहलू खान के बयान के आधार पर बहरोड पुलिस द्वारा विभिन्न हिंदू संगठनों से संबध रखने वाले 6 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई थी।