पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई 2021 में ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के खिलाफ मुकदमा दायर किया था जिसमे उन्होंने दावा किया था कि इन साइटों ने उन्हें अवैध रूप से प्रतिबंधित किया है। जिला न्यायाधीश जेम्स डोनाटो के मुताबिक़ डोनाल्ड ट्रंप यह सिद्ध करने में नाकाम रहे हैं कि ट्विटर ने अभिव्यक्ति की आजादी के उनके प्रथम संशोधन के अधिकार का उल्लंघन किया है। उनके मुताबिक़ अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार निजी कंपनियों पर लागू नहीं होता है और ट्रंप यह साबित करने में भी विफल रहे हैं कि ट्विटर डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से एक राजकीय संस्था के रूप में काम कर रहा था।
छह जनवरी 2021 को कैपिटल परिसर में होने वाली हिंसा के बाद फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब ने ट्रंप का अकाउंट निलंबित कर दिया था। उस दिन ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत को प्रमाणित करने से रोकने के प्रयास में कैपिटल परिसर पर हिंसक रूप से धावा बोल दिया था।
सोशल साइट फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब ने आशंका चिंता जताई थी कि वह आगे भी अपने समर्थकों को हिंसा के लिए उकसा सकते हैं। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीदने की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। ऐसे में इस सौदे से यह सवाल भी सामने आता है कि क्या मस्क पूर्व राष्ट्रपति के ट्विटर अकाउंट को बहाल करेंगे?