गंगा में अब न तो औद्योगिक कचरा डाला जा सकेगा न ही एक भी नला इसमें गिरेगा। ऐसे इंतजाम किए जा रहे हैं कि 2019 में इलाहाबाद में अर्ध कुंभ से पहले गंगा मैया निर्मल हो जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह वादा करते हुए कहा कि नदियों को साफ-सुथरा रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। गोमती को उसके उद्गम स्थल पर पीलीभीत में भी साफ किया जाएगा।
योगी मंगलवार को राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के अंबेडकर ऑडिटोरियम में ईशा फाउंडेशन के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने ईशा फाउंडेशन के ‘रैली फॉर रिवर्स’ आयोजन को नदियों को बचाने का महायज्ञ बताया। उन्होंने कहा कि हमारी संकीर्ण वैज्ञानिक सोच के चलते सदा नीरा नदियां नालों में तब्दील में हो गईं। हम लखनऊ में भी शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि, गंदे नालों ने गोमती को प्रदूषित कर दिया है।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाकर नदियों में गिरने वाले गंदी पानी पर रोक लगाएंगे। ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत एक कार्ययोजना बनी है। गंगा के किनारे बसे 1627 गांवों को खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है। अर्ध कुंभ तक एक भी गंदा नाला और औद्योगिक कचरा गंगा में नहीं गिरने दिया जाएगा। इस साल कुल छह करोड़ पौधे रोप रहे हैं। गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में 1.30 करोड़ पौधे रोपे गए हैं। यूकेलिप्टस की जगह अब पीपल, आम, पाकड़, बेल और औषधीय व धार्मिक महत्व के पौधे रोपे जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1986 में गंगा एक्शन प्लान शुरू हुआ लेकिन राज्यों ने अपने हिस्से की धनराशि नहीं लगाई और योजना सफल नहीं हुई। अब प्रधानमंत्री ने पूरी तरह केंद्र के पैसे से नमामि गंगे परियोजना प्रारंभ की है। यूपी, उत्तराखंड और बिहार में समान सोच वाले लोगों की सत्ता है, इसलिए गंगा की सफाई में कोई अड़चन नहीं आएगी।