विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) इस बात का फिर से अध्ययन कर सकता है कि कोरोना (सार्स-सीओवी-2) वायरस की उत्पत्ति और दुनियाभर में उसका प्रसार संभवत: चीन की वुहान स्थित लैब से हुआ है। संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने भी आगे के अध्ययन की जरूरत पर सहमति व्यक्त की है। अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री जेवियर बेसेरा ने डब्लूएचओ से अनुरोध किया कि वह सुनिश्चित करे कि कोरोना वायरस उत्पत्ति की अगले चरण की जांच ज्यादा पारदर्शी और और वैज्ञानिक आधार वाली हो।
सीएनएन के मुताबिक, वायरस की उत्पत्ति की जांच कर रहे डब्लूएचओ विज्ञानियों की आगे की जांच के लिए जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है उनमें महामारी की शुरुआत के समय जानवरों में कोरोना वायरस की विस्तृत जांच के चीन के आंकड़े शामिल हैं जिनकी पहले अनदेखी की गई। इस बात के रिकार्ड डब्लूएचओ पैनल की मार्च की रिपोर्ट के 200 पेज के संलग्न दस्तावेज (एनेक्स) में शामिल हैं। उस समय वैश्विक विशषज्ञों का इस पर बहुत कम ध्यान गया था। लेकिन ये आंकड़े चीन के आलोचकों की ज्यादा पारदर्शिता की मांग और आगे की जांच के लिए चीन लौटने की डब्लूएचओ टीम की इच्छा को बल प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, टीम के चीन लौटने की कोई तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पहले छोटे समूह वहां जा सकते हैं और उसके बाद एक बड़ा समूह जा सकता है जैसे जनवरी में 17 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ वहां गए थे।