चीन के हेनान प्रांत में बैंकों से पैसे निकालने पर रोक, प्रदर्शनकारियों के लिए आर्मी टैंक तैनात

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हेनान प्रांत के अधिकारियों ने यहां गांव के चार छोटे बैंकों से पैसे निकालने पर रोक लगा दी है। इससे यहां के लोगों की जमापूंजी फंस गई है। इसको लेकर लोग परेशान हैं। ऐसा ही कुछ चीन के झेंगझू में हुआ था।

चीन के हेनान प्रांत की गलियों में आर्मी टैंम तैनात किए गए हैं। यह टैंक उन प्रदर्शनकारियों के लिए तैनात किए गए हैं, जो बैंक में जमा अपनी पूंजी वापस पाने के लिए विरोध जता रहे हैं। चीन में बैंकों ने पैसे निकालने पर रोक लगा दी है। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग इस फैसले का विरोध करने निकल पड़े हैं। सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आए हैं उसमें दिख रहा है कि गुस्साए नागरिकों को डराने के लिए आर्मी टैंक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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वहीं सोशल मीडिया पर इन दृश्यों को देखने वाले इसकी तुलना थियामेन चौक की घटना से कर रहे हैं। गौरतलब है कि 4 जून, 1989 को चीनी सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों का क्रूरतापूर्वक दमन कर दिया था। तब टैंकों और आर्मी हथियार बीजिंग के थियानमेन चौक की तरफ आए थे। इन हथियारों से निहत्या प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाई गई थीं। इस दौरान सैनिकों समेत 241 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हुए थे। हालांकि कई लोगों का अनुमान है कि मरने वालों की संख्या और भी ज्यादा थी।

फंस गई है जमापूंजी
हेनान प्रांत के अधिकारियों ने यहां गांव के चार छोटे बैंकों से पैसे निकालने पर रोक लगा दी है। इससे यहां के लोगों की जमापूंजी फंस गई है। इसको लेकर लोग परेशान हैं। गौरतलब है कि ऐसा ही कुछ चीन के झेंगझू शहर में पिछले साल अप्रैल में हुआ था। तब लोगों की लाखों डॉलर की जमापूंजी को निकालने पर रोक लगा दी गई थी। पैसे न निकाल पाने पर लोगों ने प्रदर्शन किए थे। 10 जुलाई को हजारों जमाकर्ता बैंक के सामने जुटे थे, जिसे अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है। लोगों की नारेबाजी और प्रदर्शन के बीच सादे कपड़ों में आए कुछ लोगों ने जिनके बारे में संदेह है कि यह चीनी सेना के लोग थे, इस प्रदर्शन को दबा दिया था।

वहीं हेनान प्रांत के फाइनेंशियल सुपरविजन ब्यूरो के मुताबिक कुछ जमाकर्ताओं को 15 जुलाई तक पैसे मिलने थे। लेकिन कुछ नॉन-मेनस्ट्रीम मीडिया में जानकारी आई है कि महज कुछ ही लोगों अपने पैसे मिल पाए हैं। चीन की सरकारी मीडिया में भी लोगों के रोके गए पैसों को जारी करने के बारे में कोई समाचार नहीं है। वहीं यह प्रदर्शन ऐसे वक्त पर हो रहे हैं जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल की तैयारी में हैं।

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