विधानसभा उपाध्यक्ष ने संविधान के अनुच्छेद 63-ए का हवाला देते हुए पीएमएल-क्यू पार्टी के उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही के 10 मतों को खारिज कर दिया, जिसके बाद हमजा महज तीन मतों के अंतर से जीत गए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शरीफ ने शनिवार को पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पंजाब के गवर्नर बलीगुर रहमान ने हमजा को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह पंजाब में ‘गवर्नर हाउस’ में हुआ। इससे एक दिन पहले नाटकीय घटनाक्रम के बीच वह महज तीन वोटों के अंतर से इस पद पर फिर से निर्वाचित हुए। उपाध्यक्ष ने उनके प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के 10 अहम वोटों को खारिज कर दिया।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर पंजाब विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद के लिए मतदान हुआ। हमजा को चुनाव में विजेता घोषित किया गया। हालांकि, उनकी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के पास 17 जुलाई को हुए अहम उपचुनावों के बाद विधानसभा में बहुमत नहीं है।
चौधरी परवेज इलाही के 10 वोट हो गए खारिज
विधानसभा उपाध्यक्ष मोहम्मद माजरी ने संविधान के अनुच्छेद 63-ए का हवाला देते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) पार्टी के उम्मीदवार चौधरी परवेज इलाही के 10 मतों को खारिज कर दिया, जिसके बाद हमजा महज तीन मतों के अंतर से पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर फिर से आसीन हो सके। पीएमएल-क्यू पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का सहयोगी दल है।
पंजाब की 368 सदस्यीय विधानसभा में हमजा की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 179 वोट मिले जबकि इलाही की पार्टी को 176 वोट मिले। इलाही की पीएमएल-क्यू के 10 वोटों को इस आधार पर नहीं गिना गया कि उन्होंने अपने पार्टी के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन के आदेशों का उल्लंघन किया था।
माजरी ने कहा कि पार्टी प्रमुख हुसैन ने पीएमएल-क्यू के सदस्यों को इलाही के बजाय हमजा को वोट देने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा, “मैंने पीएमएल-क्यू के 10 वोटों को खारिज करने का फैसला दिया क्योंकि उसके प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन ने मुझे पत्र लिखकर कहा था कि उनकी पार्टी के विधायकों को पीटीआई-पीएमएलक्यू उम्मीदवार के लिए वोट नहीं करना चाहिए था। मैंने फोन पर शुजात से बात की और उन्होंने अपने पत्र में इसका जिक्र होने की पुष्टि की।इलाही को हमजा ने दूसरी बार हराया
बहरहाल, पीटीआई-पीएमएलक्यू के विधायकों ने उपाध्यक्ष के फैसले का विरोध किया। यह दूसरी बार है जब हमजा ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद पर इलाही को हराया है। पिछली बार उन्हें 16 अप्रैल को जीत मिली थी लेकिन उन्हें शपथ दिलाने में कई दिनों की देरी हुई थी क्योंकि तत्कालीन गवर्नर उमर सरफराज चीमा ने उन्हें शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था।
बाद में नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने लाहौर हाई कोर्ट के निर्देशों पर 30 अप्रैल को उन्हें शपथ दिलाई थी। पीएमएल-क्यू के 10 सदस्यों के मतों को खारिज करने के माजरी के फैसले के बाद पीटीआई ने कहा कि वह इस निर्णय को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। इलाही ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में इस फैसले को चुनौती देंगे क्योंकि उपाध्यक्ष ने अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है।
इससे पहले, पीटीआई के अध्यक्ष खान ने आगाह किया था कि अगर जनादेश को पलटने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल किया गया तो देश में श्रीलंका जैसे हालात खड़े हो जाएंगे। वहीं, पीएमएल-एन नेता नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने कहा कि उनकी पार्टी ने शुक्रवार को जो किया वह खान की पार्टी को ‘जैसे का तैसा’ जवाब है। मरियम ने ट्वीट किया, “पीएमएल-एन उसके साथ हुए बर्ताव को भूली नहीं है। अब खेल के नियम सभी के लिए समान होंगे, नहीं तो पीएमएल-एन इसे बेहतर तरीके से खेलना जानती है।”