शुरुआत में काफी मुश्किल लगा
बलराज सिंह बताते हैं कि सबसे पहले उन्होंने चेहरा बनाना शुरू किया। पर यह काम आसान नहीं था। जब एक चेहरा बनाने में सफल हो जाते तो फिर दूसरा चेहरा बनाने में काफी मुश्किल आती। कई बार तो लास्ट प्वाइंट पर आकर चॉक टूट जाता और चेहरा बन ही नहीं पाता था। उन्होंने बताया कि एक समय तो तीन महीने तक उन्होंने कोई चेहरा नहीं बनाया। एक दिन एक दोस्त घर आया और उनके आर्ट के बारे में पूछने लगा। बलराज ने कहा कि तब मुझे एहसास हुआ कि एक बार फिर इस पर हाथ अजमाना चाहिए। फिर मैं रोजाना चॉक पर नक्काशी करता, उसमें सफल भी होने लगा, फिर धीरे -धीरे मैंने बॉडी पार्ट बनाने भी शुरू कर दिए।
नक्काशी और कलर समेत लगते हैं चार घंटे
बलराज सिंह के पास अपने इस आर्ट की 350 से अधिक कलेक्शन हैं। इसमें श्री गुरु नानक देव जी से लेकर श्रीकृष्ण भगवान की तस्वीरें शामिल हैं। फिजिकल एजुकेशन टीचर ने बताया कि एक ढांचे की नक्काशी में करीब तीन घंटे का वक्त लगता है। उसके बाद उस पर कलर किए जाते हैं जिसमें एक घंटा लगता है। वह बताते हैं कि कई आर्टिस्ट सिंगल की बजाए मल्टी चॉक का इस्तेमाल अपने आर्ट में करते हैं। और एक कलाकार ह्यूमन फेसेस से लेकर किसी भी प्रकार का आर्ट इस पर कर सकता है।