नई दिल्ली : सऊदी अरब बेहद अमीर देश है और वहां के लोगों की लाइफस्टाइल भी कम दिलचस्प नहीं. वहां के लोगों के ठाट-बाट, आलीशान घर और महंगी गाड़ियों से भी ज्यादा जिन चीजों पर सबसे ज्यादा चर्चा होती है वह हैं पाबंदियां. जी हां, सऊदी अरब के लोगों के पास किसी चीज की कमी तो नहीं, लेकिन पाबंदियां भी कम नहीं हैं. खासतौर पर महिलाओं के मामले में नियम-कानून और भी ज्यादा हैं. दुनिया भर की महिलाओं के पास जिन चीजों की आजादी है उसके बारे में सऊदी की महिलाएं शायद अपने सपने में भी सोच न पाएं. वैसे अब जमाना बदल रहा है और नियम भी बदल रहे हैं. हाल ही में सऊदी अरब में पहली बार महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई है. यह आदेश 24 जून 2018 तक लागू किया जाएगा.
यह एक ऐतिहासिक फैसला था जिसका जश्न पूरे सऊदी अरब में मनाया गया. लेकिन एक ऐसा शख्स भी था जिसे यह बात नागवार गुजरी. खबर के मुताबिक हाल ही में एक दूल्हे ने सिर्फ इसलिए शादी तोड़ दी क्योंकि दुल्हन के पिता ने इस बात पर जोर दिया था कि उनकी बेटी बैन हटने के बाद जून 2018 से गाड़ी चलाएगी. दूल्हे को यह बात बिलकुल मंजूर नहीं थी क्योंकि वह पहले ही दुल्हन पक्ष की दो शर्तें मान चुका था. दूल्हे ने जो दो शर्तें मानी थीं उनमें पहली शर्त दहेज की थी. दूल्हा लड़की को 40,000 रियाल का दहेज देने के लिए तैयार हो गया था. दूसरी शर्त के मुताबिक लड़की शादी के बाद नौकरी करेगी और दूल्हे को इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी.
हालांकि लड़की गाड़ी ड्राइव करे यह दूल्हे को मंजूर नहीं था. लिहाजा उसने रिश्ता तोड़ दिया और वह अपनी शादी से उठकर चला गया. गौरतलब है कि सऊदी अरब में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां हैं. उन्हें अभी तक वो अधिकार भी नहीं मिले हैं, जो दुनिया के बाकी देशों की महिलाओं को हैं. यहां महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस का अधिकार दिलाने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा था. कई महिलाओं को तो नियम तोड़ने के लिए सजा तक दी गई.