देश में आज पहली जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री तथा उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक की कुल 19 वस्तुओं पर लगाया जाने वाला प्रतिबन्ध प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत है।
प्रतिबंध के अंतर्गत थर्माकोल से बने खाना खाने के सामन, मिठाई के डिब्बों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें तथा आइसक्रीम स्टिक सहित 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।
भारत के अधिसूचित नियम 2021 के साथ 2022 में सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से ख़त्म किये जाने के प्रयासों के तहत इस वर्ष 31 दिसंबर तक प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को मौजूदा 75 माइक्रोन से 120 माइक्रोन में बदल दिया जाएगा। इन मोटे कैरी बैग को लाने का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को ख़तम करना है।
प्लास्टिक उद्योग से 10 लाख लोग जुड़े हैं। भारत में18 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत के साथ यहाँ सालाना 2.4 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है।
मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा अधिकारियों की टीम को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के अवैध उत्पादन, आयात, वितरण, बिक्री रोकने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी जाएगी।
प्लास्टिक उद्योग से 10 लाख लोग जुड़े हैं। भारत में18 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत के साथ यहाँ सालाना 2.4 लाख टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। ये खपत वैश्विक स्तर पर 28 ग्राम प्रति व्यक्ति है। 88 हजार इकाइयोन के साथ इस समय प्लास्टिक उद्योग निर्माण में 60 हजार करोड़ रुपये लगे हैं।