नॉथ कोरिया की हजार धमकी के बावजूद साउथ कोरिया शांति के पथ पर चल रहा है. साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन ने कहा है कि उनका देश कभी भी परमाणु हथियार विकसित नहीं करेगा. साउथ कोरिया का कहना है कि नॉर्थ कोरिया की धमकियों के बावजूद साउथ कोरिया परमाणु हथियार की ओर कदम नहीं बढ़ाएगा.
मून ने संसद में दिये अपने संबोधन में कहा, ‘‘परमाणु हथियार सम्पन्न राष्ट्र बनने के बाद भी नॉर्थ कोरिया के जोर को स्वीकारा या बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और हम स्वयं भी किसी परमाणु हथियार को विकसित नहीं करेगें।’’
हाल के महीने में नॉर्थ कोरिया ने अपना छठा परमाणु परीक्षण किया था. यह अब तक का सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण था. नॉर्थ कोरिया ने अमेरिकी भूभाग तक पहुंचने में सक्षम मिसाइल का भी प्रक्षेपण किया, जिससे अमेरिका के साथ सुरक्षा गठबंधन को लेकर साउथ कोरिया में चिंताएं बढ़ गयी हैं.
साउथ कोरिया के मीडिया एवं विपक्षी नेताओं ने अमेरिकी सामरिक परमाणु हथियारों की मांग की है, जिन्हें वर्ष 1990 के दशक में प्रायद्वीप से वापस हटा लिया गया था. कुछ ने यह सुझाव दिया कि अगर अमेरिका इससे सहमत नहीं होता तो साउथ कोरिया को खुद परमाणु क्षमता का विकास करना चाहिए. अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने अपनी यात्रा के दौरान इस विचार पर संदेह जताया था.
बहरहाल, मून ने अपने संबोधन में कहा कि साउथ कोरिया का यह दृष्टिकोण ‘‘कोरियाई प्रायद्वीप में दोनों कोरियाई देशों द्वारा वर्ष 1992 में की गई परमाणु नि:शस्त्रीकरण संबंधी संयुक्त घोषणा पर आधारित है।’’