पेड़ काटने के लिए नहीं लेनी होगी परमिशन

0
935

यूपी में अपनी जमीन पर पेड़ काटने और बेचने के लिए अब डीएफओ, रेंजर और पुलिस की जी-हुजूरी नहीं करनी होगी। छह तरह के पेड़ों को छोड़कर, बाकी सभी को काटने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक धन योजना सहित तीन नई योजनाओं का एलान किया है।

ADVT

योगी कैबिनेट ने मंगलवार को किसानों को शोषण से बचाने के लिए नई वन नीति को मंजूरी दे दी। राज्य वन नीति 1998 के स्थान पर यह नई वन नीति-2017 लाई गई है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने यूपी वृक्ष संरक्षण अधिनियम-1976 तथा इमारती लकड़ी व अन्य वन उपज अपवहन नियमावली-1978 के सरलीकरण करने का फैसला किया है।

62 जिलों में निजी भूमि पर पांच तरह के पेड़, आम, नीम, साल, महुआ और खैर तथा रिजर्व फारेस्ट वाले 13 जिलों में छह तरह के पेड़ आम, नीम, साल, महुआ, खैर, सागौन को छोड़कर अन्य पेड़ों को काटने के लिए अनुमति नहीं लेनी होगी।

श्रीकांत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसान एक पेड़ काटने के पहले 10 पेड़ लगाने का शपथ-पत्र देना होगा। इससे प्रदेश के सीमित वन क्षेत्र को बढ़ाने का मौका मिलेगा। प्रदेश में 33 फीसदी वन क्षेत्र होना चाहिए।

श्रीकांत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसान एक पेड़ काटने के पहले 10 पेड़ लगाने का शपथ-पत्र देना होगा। इससे प्रदेश के सीमित वन क्षेत्र को बढ़ाने का मौका मिलेगा। प्रदेश में 33 फीसदी वन क्षेत्र होना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here