विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर यूनीसेफ व श्रम विभाग नया सवेरा के तहत कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में किया गया। इसके अंतर्गत स्कूल से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास पर बात की गई। इस जाकरूकता बैठक को एक्शन एड यूनीसेफ द्वारा संचालित नई पहल शिक्षा योजना के तहत किया गया।
6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए शिक्षा पाना मौलिक अधिकार है, चाहे वह बेटा हो या बेटी। ये बात नई पहल शिक्षा परियोजना की सहायक जिला समन्वयक कमलेश कुमारी ने कही। उन्होंने शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कमलेश कुमारी ने 6 से 14 वर्ष तक के स्कूल से वंचित बच्चों को अनिवार्य रूप से नामांकन कराने में सहयोग किये जाने की अपील की। साथ ही बच्चों से बालश्रम न कराकर मुख्यधारा शिक्षा से जोड़ने को प्रेरित किया।
इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिती के असदस्यों को उनके कार्य व उद्देश्य के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इसके लिए 12 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं द्वारा मोहल्ला क्लास की जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि किस तरह खेल ही खेल में बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाए।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 12 जून को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में में हुआ। यूनिसेफ व श्रम विभाग नया सवेरा के तहत आयोजित कार्यक्रम में जिला समन्वयक नई पहल एक्शन एड यूनिसेफ बदायूं कमलेश कुमारी सहायक जिला समन्वयक बदायूं को सराहनीय योगदान किए जाने पर प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्हें 6 से 14 साल तक के बाल श्रमिक आउट ऑफ स्कूल बच्चों का स्कूल में प्रवेश कराने एवं उन्हें विद्यालय नियमित करवाने पर ये सम्मान मिला।
इस अवसर बाल श्रमिक विद्या योजना के अंतर्गत तीन श्रमिक बच्चों को स्वीकृति प्रमाणपत्र वितरित किये गए। कार्यकम में नया सवेरा यूनिसेफ के सदस्यों और वालिंटियर सहित जनपद बदायूं के लोगों ने भी हिस्सा लिया।