बिहारी बालक ने बल्ले की बदौलत छुई बुलंदी

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मोतिहारी: बिहार के रहने वाले साकिबुल गनी के बल्ले का कमाल उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर ले गया। बाइस साल के गनी ने अपने बल्ले से इतिहास रच दिया था। वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू पर ही तिहरा शतक लगाने वाला दुनिया का पहला बल्लेबाज बन गया है।

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रणजी ट्रॉफी प्लेट मुकाबले में मिजोरम के खिलाफ गनी ने 405 गेंद पर 341 रन बनाए। गनी ने मध्यप्रदेश के अजय रोहेरा का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने हैदराबाद के खिलाफ 2018 में 267 रन बनाए थे।

इस मैच में बिहार ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 5 विकेट पर 686 रन बनाए इसमें साकिबुल और बाबुल कुमार ने चौथे विकेट के लिए 538 रन जोड़े। बाबुल ने भी दोहरा शतक लगाया।

अपने माता-पिता के छह बच्चों में सबसे छोटे साकिबुल को घर से निकलते समय उनकी माँ ने तीन बल्ले गिफ्ट किए थे। इस पर गनी ने माँ से इन बल्लों की नजर उतारने की फरमाइश की थी। माँ की दुआ और उनकी लगन की बदौलत गनी ने इन्हीं बल्लों से 341 रन की पारी खेलते हुए इतिहास रच दिया।

जिस जगह पर गनी की परवरिश हुई है वहां क्रिकेट के लिए कोई सुविधाएँ नहीं है। इसके पीछे उनकी मेहनत और परिवार का साथ रहा है।

मोतिहारी में रहने वाले साकिब के घर में ट्रॉफी और मेडल भरे पड़े हैं। साकिबुल के पिता मोहम्मद मन्नान गनी खेल के सामान की एक दुकान चलाते हैं।
गनी का भाई फैसल भी एक ऑलराउंडर था। वह अंडर-19 क्रिकेट खेले हैं। उन्होंने कूच-बिहार ट्रॉफी में बिहार का प्रतिनिधित्व किया है।

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