मानसून सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष को महंगाई पर जवाब देते हुए अपने तर्क प्रस्तुत किये। वित्त मंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह विशेषज्ञों के चुनिंदा आकलन को हथियार बनाने का प्रयास कर रहा है।
निर्मला सीतारमण ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना से तबाह वैश्विक अर्थव्यवस्था के बावजूद भारत में महंगाई दर दूसरे देशों की तुलना में कम है।
वित्त मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी अर्थव्यवस्था संभालने पर भारत की तारीफ की है। उन्होंने ये भी कहा कि विपक्ष भारत की एकपक्षीय तुलना उन देशों से कर रहा है जो बेहतर स्थिति में हैं।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि आईएमएफ के मुताबिक़ वैश्विक मंदी के बावजूद भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या में शून्य फीसदी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष मुद्दों पर सहमति देने के बाद राजनीति करता है। उन्होंने अपने बयां में ये भी यद् दिलाने का प्रयास किया कि जीएसटी काउंसिल में विपक्षशासित राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। शिकायत में उन्होंने कहा कि निर्णय के समय विपक्ष शासित राज्य अपनी सहमति जताते हैं लेकिन बाद में इसे मुद्दा बनाते हैं।
वित्तमंत्री ने सवाल उठाया कि विपक्ष महज कोरोना काल के 22 महीनों के दौरान बढ़ने वाली मुद्रास्फीति को ही क्यों मुद्दा बना रहा है। उन्होंने याद दिलाया कि विपक्ष के कार्यकाल में मुद्रास्फीति की दर दोहरे अंकों में थी। साथ ही उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम राजस्व की वजह से ही गत आठ साल में विकास पर यूपीए शासन के मुकाबले दोगुने से भी अधिक राशि खर्च हुई।