रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद संबंधी सौदे से जुड़े आरोप बेबुनियाद हैं। विपक्ष के विरोध पर ऐसी कलह सशस्त्र बलों के लिए नुकसानदायक है। रक्षा मंत्री की टिप्पणी कांग्रेस के आरोपों के एक दिन बाद आई है, जिसमें विपक्षी पार्टी ने कहा था कि एक कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूचा सौदा ही बदल दिया। रक्षा मंत्री के बयान पर कांग्रेस ने दोबारा पलटवार किया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाल ने आरोप लगाया कि राफेल सौदे को लेकर निर्मला सीतारमण देश को गुमराह कर रही हैं।
पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि इस पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है। सुरजेवाला ने कहा कि रक्षा खरीद राजनीति का विषय नहीं हो सकता और सीतारमण रक्षा मंत्रालय परिसर का इस्तेमाल राजनीतिक छींटाकशी के लिए कर रही हैं।
वहीं सीतारमण ने कहा कि सौदे को पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया गया। वायुसेना की फौरी जरूरत ही इस करार को करने की अहम वजह थी। अंतिम करार पर सितंबर 2016 में दस्तखत किए गए थे। इससे पहले भारत और फ्रांस के बीच पांच दौर की लंबी चर्चा हुई और इसे सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भी मंजूरी दी थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार विमान खरीदने के प्रस्ताव पर 10 साल तक चुप्पी साधे बैठी रही और अब बेबुनियाद आरोप लगा रही है।
इस पर सुरजेवाला ने सवाल किया कि मोदी सरकार विमान की कीमत क्यों छिपा रही है्। उन्होंने पूछा कि क्या यह सच है कि यूपीए सरकार ने 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की कीमत पर बातचीत की थी, जबकि मोदी सरकार ने एक विमान की 15,70.80 करोड़ रुपये की कीमत तय की है।