लखनऊ । मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में पांच फैसले किये गये। व्यापार के अनुकूल दशाओं के संबंध में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में पिछले वर्ष भारत 130वें स्थान पर था। इस क्षेत्र में भारत को प्रथम 50 देशों की सूची में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी कड़ी में कैबिनेट ने वाणिज्यिक अदालतों के गठन को मंजूरी दी है। जिले स्तर पर वाणिज्यिक अदालतों की स्थापना का प्रावधान है। इसके गठन से उद्यमियों के वाणिज्यिक विवादों के शीघ्र निस्तारण की मंशा है। इससे व्यापार के अनुकूल माहौल बनेगा। पहले चरण में 13 जिलों में यह अदालतें स्थापित होंगी लेकिन, बाद में इसे विस्तार मिलेगा।
आरा मिलों का लाइसेंस लेना अब होगा आसान
प्रदेश में लकड़ी आधारित उद्योग को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय में वृद्धि के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए उप्र आरा मिल स्थापना और विनियमन नियमावली, 1978 को संशोधित कर काष्ठ आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) (षष्टम संशोधन) नियमावली-2017 जारी की गई है। इसमें लाइसेंस की प्रक्रिया आसान होने के साथ शुल्क समाप्त कर दिया गया है। इस नियमावली के लागू होने से काष्ठ आधारित उद्योग को लाइसेंस देने, नामांतरण, स्थान परिवर्तन के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहूलियत होगी। लकड़ी आधारित उद्योग के प्रतिनिधि की सहभागिता भी सुनिश्चित रहेगी और इससे उनकी समस्याओं का प्रभावी निराकरण होगा। संशोधित नियमावली में लाइसेंस अथवा नवीनीकरण के लिए अब कोई शुल्क नहीं लगेगा। हालांकि स्थिति के अनुसार राज्य स्तरीय समिति द्वारा यह निर्णय लिये जाने का प्रावधान बनाया गया है। राज्य स्तरीय समिति में लकड़ी आधारित उद्योग के प्रतिनिधि भी रहेंगे। इसलिए लाइसेंस अथवा नवीनीकरण का शुल्क निर्धारित करने की प्रक्रिया में भी उनका योगदान होगा। प्रदेश में लकड़ी आधारित उद्योगों (आरामशीन, विनियर व प्लाईवुड) की स्थापना हेतु नए लाइसेंस निर्गत किए जाने के फलस्वरूप कृषि वानिकी से उत्पादित (यूकेलिप्टस एवं पापुलर आदि) को किसानों को प्रदेश के बाहर नहीं ले जाना पड़ेगा तथा राज्य में ही बिक्री किए जाने पर किसानों को अपनी वन उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा। इससे किसानों को अपनी आय दूना करने का भी अवसर मिलेगा।