आज यानी 21 जून का दिन विश्व संगीत दिवसके रूप में मनाया जाता है। शांति का संगीत संग चोली दामन का साथ है। विश्व में शान्ति बनाये रखने के लिए फ्रांस में इस दिन को मनाने की परंपरा शुरू हुई थी।
भारतीय संगीत दुनियाभर में अपनी मधुरता के लिए लोकप्रिय है। भारत में शास्त्रीय संगीत आदि काल से है और संगीत के आदि स्रोत भगवान शंकर हैं। जिस तरह भगवान शंकर का डमरू संगीत का स्रोत रहा है वैसे ही श्री कृष्ण की बांसुरी से निकलने वाले सुरों में भी मुग्ध करने की कला है।
सुकून देने वाला संगीत रूहानी इलाज में भी कारगर रहा है और इससे जुड़े कई उदाहर हमारे आस पास और दुनियाभर में मौजूद हैं।
21 जून 1982 को फ्रांस में पहली बार विश्व संगीत दिवस का आयोजन किया गया था। आज विश्व के लगभग 110 देश इसे बड़े ही उल्लासपूर्ण ढंग से मनाते हैं। आज के दिन संगीत प्रेमी विश्व भर में संगीत और ललित कलाओं को प्रोत्साहित करने वाले कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
सुकून देने वाला संगीत रूहानी इलाज में भी कारगर रहा है और इससे जुड़े कई उदाहर हमारे आस पास और दुनियाभर में मौजूद हैं।