मुलायम के नई पार्टी के गठन से इन्कार के बाद शिवपाल अपने घर में ही कैद रहे। उनके लखनऊ स्थित घर के बाहर इटावा, मैनपुरी के कई कार्यकर्ता तो शिवपाल के घर पर फूट-फूट कर रोए। उन्होंने शिवपाल पर राजनीतिक फैसला लेने का भी दबाव बनाया। इस दौरान शिवपाल कई बार अपने घर से बाहर आए और कार्यकर्ताओं को समझाया। हो सकता है कि शिवपाल जल्द कोई निर्णय लें। हालांकि शिवपाल को मुलायम का यसमैन माना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक नए सियासी विकल्प की रूपरेखा तैयार करने के लिए मुलायम सिंह ने हामी भरी थी। इसका एलान शुक्रवार को होना था। लेकिन रविवार की रात को पूरी योजना ही बदल गई। एक बार तो प्रेस कांफ्रेंस टलने की स्थिति भी आई। लेकिन मुलायम ने प्रेस कांफ्रेंस यथावत रखी हां बस इसका एजेंडा मोदी व योगी के खिलाफ कर दिया। उन्होंने वे ही मुद्दे उठाए जो सपा ने राज्य सम्मेलन उठाए थे।