नई दिल्ली| आई डी एफ़ सी बैंक और कैपिटल फर्स्ट के मर्जर की डील का ऐलान हो गया। आईडीएफसी बैंक ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि मर्जर से डिपॉजिट और कारोबार के विस्तार में मदद मिलेगी। दोनों का मर्जर प्लान 1 अप्रैल 2018 से लागू हो जाएगा। आज के ऐलान के बाद आईडीएफसी बैंक के सीएफओ बिपिन गेमानी ने इस्तीफा दे दिया।
गौरतलब है कि मर्जर डील में दोनों कंपनियों का शेयर स्वैप रेशियो 139:10 है। इसमें आईडीएफसी के 139 शेयर कैपिटल फर्स्ट के 10 शेयर के बराबर होंगे। नई कंपनी का ऐसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 88,000 करोड़ रुपये का होगा। नई कंपनी देश के 50 लाख ग्राहकों को सेवा देगी। इस कंपनी के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन होंगे।
वित्त वर्ष 2017 में 1268 करोड़ रुपये का मुनाफा कमानेवाले कैपिटल फर्स्ट के लोन बुक में अभी 30 लाख ग्राहक हैं। आईडीएफसी का कहना है कि मर्जर से उसकी बैलेंस शीट मजबूत होगी और 100 से ज्यादा बैंक शाखाओं का विस्तार किया जाएगा। कहा जा रहा है कि नई कंपनी में हाउजिंग लोन पोर्टफोलियो पर जोर दिया जाएगा।