मोबाइल एडिक्शन बच्चों के हार्मोन सिस्टम को पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है। मोबाइल एडिक्शन की वजह से छोटी सी उम्र में ही बच्चों को तमाम तरह की बीमारियां घेर रही हैं।
पिछले दिनों मुंबई के लीलावती अस्पताल ने एक स्टडी की थी, जिसके मुताबिक दिन में 6 घंटे से ज्यादा वक्त तक फोन पर लगे रहने वाले बच्चों में हार्मोन में गड़बड़ी के अलावा उनके गर्दन की हड्डी में झुकाव देखने को मिल रहा है। अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार मोबाइल एडिक्शन न सिर्फ दिल्ली जैसे मेट्रो शहर बल्कि यूपी और बिहार में भी यह बड़ी परेशानी बनकर उभर रही है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं कि परिजन बच्चों को फोन से दूर नहीं कर पा रहे हैं। स्कूल से आने के बाद अगर बच्चा फोन में गेम खेलता है तो माता-पिता ऐसा करने से उसे रोकते नहीं। दिल्ली के इहबास अस्पताल के मनोचिकित्सक ओमप्रकाश बताते हैं कि फोन का अत्यधिक प्रयोग बच्चों की रीढ़ की हड्डी के अलावा उनकी शारीरिक गतिविधियों को भी प्रभावित कर रहा है।
उत्तर भारत में 70 फीसदी बच्चे मोबाइल एडिक्शन के शिकार : रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर भारत में 70 फीसदी बच्चे मोबाइल एडिक्शन के शिकार हैं। इनकी आयु 7 से 10 वर्ष के बीच है, जबकि 2 से 5 साल तक की उम्र वाले 95 फीसदी बच्चों के लिए मोबाइल फोन एक खिलौना बन चुका है।
घर में रहते हुए ये बच्चे टीवी या अन्य खेल पर ध्यान न देते हुए फोन में दिलचस्पी लेते हैं। ये बच्चे दिन में 12-12 घंटे फोन पर व्यस्त रहते हैं। राज्य वार बात करें तो दिल्ली के 98, यूपी के 82, पंजाब के 93, हरियाणा के 79 और बिहार के 89 फीसदी बच्चे ऐसे हैं, जो दिन में 8 घंटे से ज्यादा वक्त फोन पर गुजार रहे हैं।