साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन का आयोजन 27 जून से 10 जुलाई तक चलेगा। इसका आयोजन लंदन के ऑल इंग्लैंड क्लब में हो रहा रह।
इस टूर्नामेंट में सर्बिया के नोवाक जोकोविच, स्पेन के राफेल नडाल, ब्रिटेन के एंडी मरे और अमेरिका की सेरेना विलियम्स को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
इनके अलावा युवा खिलाड़ी में ब्रिटेन की एमा रादुकानु, पोलैंड की इगा स्वियातेक और अमेरिका के कार्लोस अलकराज पर भी उम्मीद भरी निगाहें हैं। इनके साथ ही खास नामों में रोजर फेडरर, डेनियल मेदवदेव, सबालेंका, ओसाका जैसे खिलाड़ी इस बार विंबलडन में नहीं नज़र आएंगे।
145 साल पुराने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कुछ परंपराएं बदली हुई नजर आएंगी। शीर्ष खिलाड़ियों को सेंटर कोर्ट और मेन शो कोर्ट में अभ्यास करने की अनुमति होगी। इससे पहले वह इस ग्रास कोर्ट पर तभी जा सकते थे जब चैंपियनशिप के दौरान उनका कोई मैच हो। दूसरी ओर यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण ऑल इंग्लैंड टेनिस क्लब द्वारा रूस व बेलारूस के खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके परिणाम स्वरुप एटीपी और डब्ल्यूटीए ने टूर्नामेंट से रैंकिंग अंक छीन लिए।
145 साल पुराने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कुछ परंपराएं बदली हुई नजर आएंगी। इस बार पुरुष और महिला युगल में पुरस्कार राशि समान रखी गई है। यूक्रेन पर रूसी हमले के कारण ऑल इंग्लैंड टेनिस क्लब द्वारा रूस व बेलारूस के खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
टूर्नामेंट के 145 साल के इतिहास में केवल चार मौकों पर मध्य रविवार को मैच हुए थे। पहली बार विंबलडन में सभी मैच 14 दिनों तक खेले जाएंगे। इससे पहले आमतौर पर विंबलडन के पहले हफ्ते और दूसरे हफ्ते के बीच रविवार को मैच नहीं होते थे। या फिर ये मैच तभी खेले गए जब खराब मौसम के कारण पहले कुछ मैच नहीं हो सके। ब्रॉडकास्टर्स और ऑर्गनाइजर्स को उम्मीद है कि ऐसा करने से ज्यादा कमाई होगी।
विंबलडन में इस बार पुरस्कार राशि में लगभग 3 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अब ये कुल 49.55 मिलियन डॉलर यानी 3 अरब, 87 लाख रुपये हो गई है। इसमें चैंपियन को 2.5 मिलियन डॉलर जो कि 19 करोड़ 56 लाख रुपये की रकम मिलेगी। 2021 में जोकोविज और एश्ले बार्टी को 2.1 मिलियन डॉलर तकरीबन 16 करोड़ 43 लाख रुपये की राशि मिली थी। इस बार पुरुष और महिला युगल में पुरस्कार राशि समान रखी गई है। इस तरह से 5 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।