शिकागो में हुए एक नए अध्ययन के नतीजों के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने रौशनी में सोने वालों के लिए चेतावनी जारी की है।
शिकागो में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में डॉक्टरों ने नींद और स्वास्थ्य के दौरान प्रकाश के संपर्क के बीच संबंधों का अध्ययन किया।
शोध के अनुसार रोशनी में सोने से मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है।
अध्ययन के लेखक डॉ. मंजी किम ने कहा, “हम कृत्रिम प्रकाश की प्रचुरता के बीच में रहते हैं जो 24 घंटे उपलब्ध है।”
इस विषय पर उन्होंने सभी तरह की रौशनी का हवाला दिया जिसमे स्मार्टफोन, टीवी या फिर बड़े शहरों में सामान्य प्रकाश के लिए प्रउग किये जाने वाले साधन शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि अध्ययन के दौरान जिन युवा और स्वस्थ वयस्कों का रात भर प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया, उनमें हृदय गति और रक्त शर्करा में वृद्धि पाई गई।
हालांकि अध्ययन केवल वयस्कों पर किया गया था, पहले के एक अध्ययन में पाया गया था कि अंधेरे में नहीं सोना सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। इसलिए, इस हालिया अध्ययन के परिणामों को सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त मान सकते हैं।