सुप्रीम कोर्ट ने तीन बार दक्षता परीक्षा फेल राज्य के नियोजित शिक्षकों को एक अंतिम मौका दिया है। यदि शिक्षक इस बार फेल हो गये तो उनकी नौकरी जानी तय है।
पटना। तीन बार दक्षता परीक्षा फेल राज्य के नियोजित शिक्षकों को कोर्ट ने एक और मौका देने का फैसला किया है। मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने दक्षता परीक्षा फेल शिक्षकों की अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस आशय का निर्देश दिया। नियोजित शिक्षकों की नियोजन नियमावली में 2012 में यह प्रावधान किए गए कि जो शिक्षक दो बार दक्षता परीक्षा पास नहीं कर सकेंगे, उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके बाद नियोजित शिक्षकों ने पटना हाईकोर्ट में अपील की। कोर्ट ने सरकार के फैसले पर स्टे लगा दिया। इसके बाद सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक के माध्यम से शिक्षकों को दक्षता परीक्षा पास करने का एक और मौका दिया।
इसके लिए बकायदा नियमावली में संशोधन भी किए गए। 2016 में दक्षता परीक्षा में तीसरी बार भी बड़ी संख्या में शिक्षक दक्षता परीक्षा नहीं पास कर पाए। तब वे मामला लेकर वे एक बार फिर कोर्ट गए। पटना हाईकोर्ट ने तब सुनवाई के दौरान सरकार फैसले को सही बताया। जिसके बाद तीसरी बार दक्षता परीक्षा फेल शिक्षकों ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
आज इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश कुरियन जोसेफ और आर भानुमति ने पटना हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। डबल बेंच ने साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिए कि जो शिक्षक दक्षता परीक्षा तीसरी बार भी नहीं पास कर सकें हैं वैसे शिक्षकों के छह महीने के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। इसके बाद इनकी परीक्षा ली जाए। यदि इस परीक्षा में भी शिक्षक पास नहीं होते हैं तो सरकार उन्हें सेवा से मुक्त कर सकती है।