नई दिल्ली: लगातार मिल रही हारों पर आम आदमी पार्टी ने अब सारा ध्यान दिल्ली पर केंद्रित करने का फैसला लिया है. आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा थम गई है और पंजाब विधानसभा चुनाव में फीके प्रदर्शन के बाद उसने गुजरात तथा हिमाचल प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी दिल्ली में एक बार फिर खुद को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है. उन्होंने राज्य में पर्याप्त संगठनात्मक क्षमता के अभाव का हवाला दिया.
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पार्टी ने गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला आधिकारिक करने से पहले राज्य के नेताओं के एक वर्ग को हाल ही में समझाया है जो विधानसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में थे. जून में राज्य के नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को संगठनात्मक क्षमता के बारे में बताया था लेकिन तब चुनाव लड़ने को लेकर असमंजस की स्थिति थी.
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आप की सर्वोच्च निर्णायक निकाय उसकी राजनीतिक मामलों की समिति इस फैसले को आधिकारिक करने के लिए जल्द ही बैठक करेगी.
आप ने वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश में संपन्न विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बनाया था लेकिन फिर उसने अपनी राजनीतिक पारी एक साल बाद दिल्ली से शुरू करने का फैसला किया था.