बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काउंट डाउन बृहस्पतिवार से शुरू होने जा रहा है। 14 सितंबर को इस प्रोजेक्ट की बुनियाद रखी जाएगी। प्रोजेक्ट पर काम भी इसी दिन से शुरू हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे की उपस्थिति में गुजरात के साबरमती में प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने इसे समय से पहले 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का काम 2018 में शुरू होना था, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट के लिए आधारशिला समय से पहले रखी जा रही है। यह ट्रेन साबरमती से मुंबई के बीच 508 किमी. लंबी लाइन पर दौड़ेगी, जिसमें से 156 किमी. महाराष्ट्र में, 351 किमी. गुजरात में और 2 किमी. दादर-नागर हवेली में होगा। प्रोजेक्ट को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
गुजरात के साबरमती से मुंबई के बीच 12 स्टेशनों पर यह ट्रेन रुकेगी। रास्ते में ट्रेन 21 किमी. टनल में चलेगी। साथ ही यह ठाणे से सरक्रीक के बीच करीब सात किमी. समुद्र के भीतर से गुजरेगी। जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जाइका) और भारत सरकार ने मिलकर फिजिबिलिटी स्टडी का काम पूरा कर लिया है। इस रेल खंड पर मुंबई, ठाणे, विरार, ब्यास, वापी, विलमूरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती समेत 21 स्टेशन होंगे.
भारत में होगा बुलेट ट्रेन निर्माण, एक्सपोर्ट भी करेंगे : पीयूष गोयल
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए आयोजित प्रजेंटेशन में कहा कि यह प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया का भाग होगा। जापान से हम हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए तकनीक लेंगे। आने वाले दिनों में भारत भी बुलेट ट्रेन के निर्मा में सक्षम होगा और भविष्य में बुलेट ट्रेन का एक्सपोर्ट करेगा।
समय से पहले प्रोजेक्ट शुरू करने के राजनीतिक मायने
समय से पहले इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के कुछ राजनीतिक मायने भी हैं। इस साल के अंत तक गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बुलेट ट्रेन समय से पहले चलाने की घोषणा भाजपा को राजनीतिक फायदा दिलाएगी। मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को केंद्र और गुजरात की भाजपा सरकार चुनाव में उपलब्धि के रूप में भुनाएगी।