स‍िगरेट की कीमतों में बढ़ोतरी से LIC को लगी बड़ी चपत, 30 म‍िनट में गंवाए 7000 करोड़ रुपए

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सरकार ने सिगरेट पर लगने वाले सेस की दरें बढ़ाने का फैसला लिया था। बढ़ी हुई दरें सोमवार (17 जुलाई) आधी रात से लागू हो गई हैं। सिगरेट बनाने वाली कंपनी ITC के शेयरों में मंगलवार सुबह शेयर मार्केट खुलते ही जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। इसके चलते आईटीसी के शेयर रखने वाली लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (LIC) को 7,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। बाजार खुलते ही महज 30 मिनट में ही आईटीसी के शेयरों में करीब 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ऐसा माना जा रहा है कि यह गिरावट सिगरेट पर लगने वाले सेस में हुई बढ़ोतरी की वजह से हुई है। एलआईसी के पास 30 जून 2017 तक आईटीसी के 16.29 फीसदी शेयर थे। भारतीय इंश्योरेंस कंनपनियों को इससे करीब 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आईटीसी के शेयरों में 1992 से लेकर अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है।

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दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट पर 28 फीसदी टैक्स लग रहा था जो पुराने दर के मुकाबले 8 फीसदी कम था। जीएसटी लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी खत्म हो गई थी, जिससे सिगरेट सस्ती हुई थी। इस फैसले से सरकार को 5 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा जो अभी तक मैन्युफैक्चरर्स के खाते में जा रहा था। 65 मिमी तक लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस को बढ़ाकर 485 रुपए कर दिया है। सेस की यह रकम प्रति 1,000 सिगरेट पर वसूली जाएगी। वहीं 65 मिमी से लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस की दर को बढ़ाकर 792 रुपए कर दिया गया है। इससे पहले जीएसटी काउंसिल ने 18 मई 2017 को हुई 14वीं बैठक में सिगरेट तथा अन्य तंबाकू उत्पादों पर सेस की दरें तय की थीं। इसके आधार पर सरकार ने 28 जून को इन दरों की अधिसूचना भी जारी कर दी थी।

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