पिता बेटों की अपेक्षा बेटियों का ज्यादा ध्यान रखते हैं। बेटी के रोने की आवाज उनके कानों तक पहुंचते ही वे बेचैन हो जाते हैं। वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में यह बताया है। विशेषज्ञों ने 52 परिवारों से बातचीत करके यह निष्कर्ष निकाला है कि पिता अपने बेटियों के प्रति ज्यादा भावुक होते हैं।
प्रमुख शोधकर्ता अमेरिका के एमोरी विश्वविद्यालय के डॉ. जेनिफर मस्कारो ने कहा कि बच्चे के रोने पर बेटी के पिता सबसे पहले ध्यान देते हैं। पिता अपनी बेटियों के बारे में बात करते हुए सबसे ज्यादा भावुक होते हैं और अकेला महसूस करते हैं।
हालांकि पिता का ऐसा व्यवहार बढ़ने पर बेटे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर पिता अपने बेटे से ज्यादा रूखा व्यवहार करेंगे और उसके साथ जुड़ाव महसूस नहीं करेंगे तो बेटा उनसे दूर हो सकता है।
विशेषज्ञों ने पिता के तीन व्यवहार उदासीन, खुश और दुख को फोटो में कैद किया। विशेषज्ञों ने देखा कि अधिकतर पिता अपने बेटों के प्रति उदासीन दिखे।