दिल्ली यूनिवर्सिटी में ट्रेडिशनल कोर्सेज ही नहीं, वोकेशनल प्रोग्राम भी हैं। अपनी दिलचस्पी का प्रोग्राम चुनकर आप ग्रैजुएशन कर जल्द जॉब भी पा सकते हैं या फिर अपना काम शुरू कर सकते हैं। ये अंडरग्रैजुएट कोर्सेज प्रोफेशनल प्रोग्राम हैं, जो स्टूडेंट्स की फील्ड बेस्ड स्किल्स को बढ़ाते हैं। डीयू में वोकेशनल कोर्सेज का हब है कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज। यहां बीए वोकेशनल स्टडीज के सात कोर्सेज पढ़ाए जाते हैं। वोकेशनल स्ट्रीम से जिन स्टूडेंट्स ने 12वीं की पढ़ाई की है, उनके लिए इनमें सीट पाना आसान है। वैसे, दूसरी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को भी इन कोर्सेज में एडमिशन मिल सकता है, लेकिन स्ट्रीम चेंज करने पर नेगेटिव वेटेज का फॉर्म्युला उनके एडमिशन पर लागू होगा।
इन स्ट्रीम्स में है बीए कोर्स
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में बीए (वोकेशनल) के सात कोर्सेज हैं – टूरिज्म मैनेजमेंट, ऑफ मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस, मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग ऑफ इश्योरेंस, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइज, मटीरियल्स मैनेजमेंट, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट और मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस। इन कोर्सेज के स्टूडेंट्स डीयू पोर्टल पर जाकर 12 जून तक ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
कितनी सीटें
बीए वोकेशनल स्टडीज के हर कोर्स के लिए 77-77 सीटें हैं यानी कुल 539 सीटें। कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्रिंसिपल डॉ. इंद्रजीत का कहना है कि सबसे ज्यादा डिमांड ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट कोर्स की रहती है। उसके बाद स्टूडेंट्स की पसंद मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस है। इन दोनों कोर्सेज की कटऑफ ज्यादा रहती है। इनके बाद टूरिज्म मैनेजमेंट और मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग ऑफ इंश्योरेंस का नंबर आता है। 2016 में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की कटऑफ, मार्केटिंग मैनेजमेंट एंड रिटेल बिजनेस और टूरिज्म की पहली कटऑफ 93% और बाकी कोर्सेज की 91% तक गई थी। लास्ट कटऑफ में जनरल के लिए सिर्फ मैनेजमेंट एंड मार्केटिंग ऑफ इंश्योरेंस में 85%, मटीरियल्स मैनेजमेंट में 84.5%, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज और ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस में 84% और इससे ज्यादा स्कोर वालों को एडमिशन का चांस मिला था।
इन कॉलेजों में भी वोकेशनल कोर्स
डीयू में पिछले साल चार कॉलेजों में 7 वोकेशनल कोर्स शुरू हुए थे। इनमें से 6 अंडरग्रैजुएट कोर्स थे और एक डिप्लोमा कोर्स है। ये सभी कोर्स स्किल डिवेलपमेंट मिनिस्ट्री के नैशनल स्किल क्वालिफिकेशन के तहत यूजीसी ने डिजाइन किए हैं।
कालिंदी कॉलेज : कालिंदी कॉलेज में दो वोकेशनल कोर्सेज के लिए भी स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकते हैं। लड़कियों के इस कॉलेज में दोनों के लिए 50-50 सीटों पर एडमिशन होंगे। इनमें एक है बीए वोकेशनल – प्रिंटिंग टेक्नॉलजी और बीए वोकेशनल – वेब डिजाइनिंग। इन दोनों प्रोग्राम को स्टूडेंट्स से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।
रामानुजन कॉलेज : रामनुजन कॉलेज में भी पिछले साल दो नए कोर्स शुरू हुए थे। इस कॉलेज में बैंकिंग एंड फाइनेंशल सर्विसेज एंड इश्योरेंस सेक्टर (बैंकिंग ऑपरेशंस) और बीए वोकेशनल – आईटी (सॉफ्टवेयर डिवलपमेंट)। इनके लिए 50-50 सीटें हैं।
जीसस एंड मैरी कॉलेज : इस गर्ल्स कॉलेज में दो बीए वोकेशनल कोर्स हैं, दोनों के लिए 50-50 सीटें हैं। हेल्थ केयर मैनेजमेंट और रिटेल मैनेजमेंट एंड आईटी के लिए इस अकैडमिक सेशन में स्टूडेंट्स अप्लाई कर सकते हैं।
महाराजा अग्रसेन कॉलेज : इस कॉलेज में वोकेशनल कोर्स में एडवांस्ड डिप्लोमा कोर्स शामिल है। यह कोर्स है टीवी प्रोग्राम्स एंड न्यूज प्रोडक्शन। यह कोर्स 2 साल का है। इसके लिए 50 सीटें हैं।
बीए (वोकेशनल) का फॉर्म्युला
बीए वोकेशनल कोर्स में प्रिंटिंग एंड टेक्नॉलजी – बैंकिंग ऑपरेशंस, सॉफ्टवेयर डिवलपमेंट और वेब डिजाइनिंग में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को 12वीं के बेस्ट फोर सब्जेक्ट्स में एक लैंग्वेज – इंग्लिश या हिंदी (कोर/इलेक्टिव/फंक्शनल) लेनी होगी। दूसरा सब्जेक्ट मैथ्स और अकैडमिक/इलेक्टिव सब्जेक्ट्स की लिस्ट में से बाकी दो सब्जेक्ट चुनने होंगे। प्रिंट डिजाइनिंग, प्रिंट ग्राफिक्स, ग्राफिक डिजाइन, आईटी, वेब डिजाइन और कंप्यूटर साइंस वोकेशनल सब्जेक्ट के तौर पर इलेक्टिव में लिए जा सकते हैं।
– बाकी वोकेशनल कोर्सेज में एक लैंग्वेज और तीन इलेक्टिव सब्जेक्ट चुनने होंगे।
– अगर वोकेशनल सब्जेक्ट बेस्ट फोर में लिए हैं तो कटऑफ में 2% का फायदा मिलेगा। 1% का और फायदा मिलेगा अगर एक से ज्यादा वोकेशनल सब्जेक्ट बेस्ट फोर में लिए गए हैं। लिस्ट से बाहर एक सब्जेक्ट लिया जा सकता है, इस पर कोई कटौती नहीं की जाएगी। लेकिन दो सब्जेक्ट लिस्ट से बाहर लिए जाते हैं, तो 2.5% मार्क्स हर सब्जेक्ट के लिए काटे जाएंगे।