आज 25 मई को ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन द्वारा ‘भारत बंद’ की घोषणा की गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जाति आधारित जनगणना नहीं जाने पर केंद्र सरकार के विरोध में इस बंद का आह्वान किया गया है। साथ ही संगठन चुनाव द्वारा ईवीएम के प्रयोग और निजी क्षेत्रों में एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण के मुद्दे का भी विरोध किया जा रहा है।
इस बंद को बहुजन क्रांति मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक वामन मेश्राम, राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा तथा अन्य कई संगठनों का समर्थन मिला है। इस बंद के चलते कई सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
देश के अन्य भागों सहित ईवीएम का मुद्दा यूपी में महत्वपूर्ण है। इसलिए बंद का कुछ असर इत्तर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। बिहार में इस बंद का असर ज़्यादा दिख सकता है। बिहार की राजनीति में जातिगत जनगणना का मुद्दा कुछ अधिक ही छाया हुआ है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव काफी समय से इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं।
इसके अलावा इन संगठनों की और से जिन मुद्दों पर इस बंद का आह्वान किया गया है वह इस प्रकार हैं –
जाति आधारित जनगणना।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली।
चुनाव में ईवीएम का प्रयोग न हो।
निजी क्षेत्र में एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण।
किसानों को एमएसपी की गारंटी।
एनआरसी/सीएए/एनपीआर का कोई कार्यान्वयन नहीं।
ओडिशा और मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण में पृथक निर्वाचक मंडल।
पर्यावरण संरक्षण की आड़ में आदिवासी लोगों का विस्थापन रोका जाए।
टीकाकरण को वैकल्पिक बनाना।
कोविड महामारी में लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के खिलाफ गुप्त रूप से बनाए गए श्रम कानूनों के खिलाफ संरक्षण।
इस बंद के चलते जिन सेवाओं पर असर पद सकता है उनमे
भारत बंद के आयोजकों द्वारा इस बंद को सफल बनाने की अपील की गई है। लोगों से इस बंद में दुकाने बंद रखने की बात कही गई है। इसके अलावा कुछ राज्यों में सार्वजनिक परिवहन पर असर पड़ सकता है। उम्मीद है कि कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारी रेल भी रोक सकते हैं।