जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स यूक्रेन के दौरे पर हैं। शॉल्त्स ने पश्चिमी देशों से रूस को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। इस बारे में यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि वो नाटो की सदस्यता के लिए कोशिशें जारी रखेंगे।राजधानी कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।
पश्चिमी देश यूक्रेन की सीमा पर रूसी फौजों के जमावड़े के बाद उठे तनाव को घटाने की दिशा में लगातार कोशिश कर रहे हैं। जर्मन चांसलर का यूक्रेन दौरा भी इसी क्रम में है। जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने उम्मीद जताई है कि रूस यूक्रेन के साथ तनाव घटाने के लिए स्पष्ट कदम उठाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कह चुके हैं कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना खत्म हो जाएगी। प्रेस कांफ्रेंस में जर्मन चांसलर के साथ मौजूद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि उनका देश रूस की नाराजगी और कुछ पश्चिमी देशों की आशंकाओं के बावजूद नाटो की सदस्यता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयास करता रहेगा। शॉल्त्स ने पत्रकारों से कहा- “हम यूरोप की सुरक्षा पर रूस के साथ गंभीर बातचीत को तैयार हैं।” जर्मन चांसलर ने यूक्रेन के लिए जर्मनी की ओर से 15 करोड़ यूरो की नई मदद का एलान किया और इसके साथ ही कहा कि अगर रूस यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है तो पश्चिमी देश दूरगामी और असरदार प्रतिबंध लगाने के लिए भी तैयार हैं।”
शॉल्त्स ने कहा, “हम तब कार्रवाई करेंगे और दूरगामी कदम उठाए जाएंगे जिनका रूस के आर्थिक विकास के अवसरों पर बहुत बड़ा असर होगा”
जेलेंस्की ने कहा, “आज बहुत से पत्रकार और नेता कह रहे हैं कि यूक्रेन जोखिम से बच सकता है. वो हमें भविष्य में संगठन की सदस्यता के मुद्दे को नहीं उठाने के लिए संकेतों में सलाह दे रहे हैं क्योंकि इन जोखिमों की वजह रूस की प्रतिक्रिया है. मेरा ख्याल है कि हमें उसी रास्ते पर बढ़ना चाहिए जो हमने चुना है” रूस को सजा जर्मन चांसलर से मुलाकात में वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को “भूराजनीतिक हथियार” के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। रूस और जर्मनी के बीच यह पाइपलाइन यूक्रेन की आपत्तियों को अनदेखा कर बनाई गई है। अमेरिका के साथ ही यूक्रेन भी इसे लेकर नाखुश है।
जर्मन चांसलर ने कांफ्रेंस मेंनॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइनका नाम लिए बगैर कहा, “किसी को भी जर्मनी की इच्छा और तैयारियों पर संदेह नहीं होना चाहिए” अगर रूस अपने पड़ोसी पर हमला करता है तो जर्मनी उसे सजा देगा। शॉल्त्स ने कहा, “हम तब कार्रवाई करेंगे और दूरगामी कदम उठाए जाएंगे जिनका रूस के आर्थिक विकास के अवसरों पर बहुत बड़ा असर होगा” रूस की तरफ से बातचीत के संकेत ओलाफ शॉल्त्स कीव के बाद मॉस्को भी जाएंगे। पश्चिमी देश जहां कूटनीतिक कोशिशों में जुटे हैं, वहीं रूस सीमावर्ती इलाकों में फौज की तैनाती और बड़े युद्धाभ्यास कर रहा है। रूस ने सोमवार को इस बात के संकेत दिए कि वह पश्चिमी देशों के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है ताकि रक्षा संकट को दूर किया जा सके।