बुल्ली बाई के अलावा कई हैंडल से किया जा रहा है सिख-मुसलमानों का बटवारा – मुंबई पुलिस

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मुंबई: मुंबई पुलिस की जांच सेखुलासा हुआ है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बुल्ली बाई के अलावा भी कई और हैंडल का प्रयोग किया गया था। इसका मकसद सिख और मुस्लिम समुदायों के बीच दरार पैदा करना था।

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मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने जानकारी दी है कि अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच में अन्य सोशल मीडिया हैंडल दिखाए गए हैं, जो नफरत भरे मैसेज फैलाने के लिए तैनात किए गए थे। सुल्ली बाई एप छह महीने पहले, ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब का उपयोग करके बनाया गया था। इस ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट की गई थीं और इस कार्यप्रणाली को बुल्ली बाई एप के साथ जोड़ा गया था।

पुलिस की और से मिली जानकारी के मुताबिक़ ये सभी ट्विटर हैंडल कथित तौर पर सिख समुदाय से जुड़े थे और एट द रेट बुल्लीबाई पर उपलब्ध जानकारी के तहत खालसा सिख फोर्स (एसकेएफ) ने बुल्लीबाई एप बनाया था।

गिटहब से मिली सूचना पर पुलिस टीमों ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें 21 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ, विशाल कुमार झा, बेंगलुरु के दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सिविल इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष के छात्र शामिल हैं। पुलिस आयुक्त नागराले ने कहा कि घोटाले की जांच में तकनीकी विशेषज्ञ के लिंक सामने आने के बाद उन्हें मुंबई साइबर पुलिस की एक टीम ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने कहा कि अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए झा अपनी पहचान को काफी हद तक छुपाने में कामयाब रहा।

मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड के रुद्रपुर से 18 वर्षीय श्वेता अनंत सिंह, जिसे मास्टरमाइंड कहा जाता है और 21 वर्षीय मयंक प्रदीप सिंह रावत को भी उसी राज्य से गिरफ्तार किया है। पहली जनवरी को ये मुद्दा राजनीतिक रूप ले चूका था। कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, मंत्रियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, प्रमुख महिला कार्यकर्ताओं और अन्य कई नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद मुंबई पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

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