शिया वक्फ बोर्ड श्रीराम के नाम पर झगड़ा नहीं केवल समझौता चाहताः वसीम रिजवी

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लखनऊ।शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि वक्फ बोर्ड अयोध्या में कोई मस्जिद नहीं चाहता है। वक्फ बोर्ड श्रीराम के नाम पर झगड़ा नहीं केवल समझौता चाहता है। वसीम रिजवी ने मंगलवार को बेंगलुरू में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात के दौरान यह विचार प्रकट किये। उन्होंने कहा कि जन्म भूमि विवाद आपसी समझौते से हल होना चाहिए। वसीम रिजवी ने श्री श्री रविशंकर से कहा कि जन्म भूमि पर ही मंदिर बनना चाहिए। उनके मुताबिक वह राम मंदिर निर्माण की न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे सभी महंतों से मिल चुके हैं और वे सभी मंदिर निर्माण के लिए बातचीत को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड आपसी समझौते के बिंदु तैयार कर रहा है। शिया वक्फ बोर्ड यह नहीं चाहता है कि श्रीराम जन्मभूमि पर कोई मस्जिद बने। अयोध्या-फैजाबादमें जितनी मस्जिद हैं वो वहां के मुसलमानों के लिए काफी हैं।

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रविशंकर ने जानी शिया वक्फ बोर्ड की राय 

समझौते से हल करने के सिलसिले में मुलाकात के बाद वसीम रिजवी ने बताया कि मैंने रविशंकर को शिया वक्फ बोर्ड की अपनी राय से अवगत कराया। यह कि जन्म भूमि पर ही मंदिर बनना चाहिए। वसीम ने कहा कि मैन रिवशंकर को बताया कि मैं इस सिलसिले में न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे सभी महंतों से मिल चुका हूं सभी श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए बातचीत करने के लिए तैयार है। जन्मभूमि के मामले में समझौते की बात में विवादित जगह पर मस्जिद बनाने या उसके आसपास मस्जिद बनाने की शर्त रखने वाले विवाद को बनाये रखने की साज़िश कर रहे है। ऐसे लोग धार्मिक फसाद करना चाहते है। उनके मंसूबे देश मे खूनखराबा करने के है।

शिया समुदाय की थी बाबरी

वसीम रिजवी ने कहा कि बाबरी शिया समुदाय की थी। इस मामले से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से कोई मतलब नहीं है। सिर्फ शिया वक्फ बोर्ड को ही निर्णय लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर के प्रयास सराहनीय हैं।

 

 

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