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श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने आर्थिक सुधार की सुविधा के लिए कई उपायों को दी मंजूरी

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 श्रीलंका में आर्थिक व राजनीतिक संकट जारी है। देश में सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। ऐसे में श्रीलंका की नकदी-संकट से जूझने वाली सरकार ने कई उपायों को मंजूरी दी है।

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कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका आजादी के बाद से अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। देश में चारों और हाहाकार मचा हुआ है। लोग प्रतिदिन दैनिक आवश्यकतों के लिए बड़ा संघर्ष कर रहे हैं। श्रीलंका की नकदी-संकट से जूझने वाली सरकार ने कई उपायों को मंजूरी दी है, जिसमें कंपनियों पर उनके कारोबार के आधार पर 2.5% सामाजिक योगदान कर लगाना और आर्थिक सुधार की सुविधा और ऊर्जा और खाद्य संकट को कम करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश श्रमिकों के लिए शुक्रवार को छुट्टियों की घोषणा करना शामिल है।

आर्थिक संकट ने भोजन, दवा, रसोई गैस और अन्य ईंधन, टॉयलेट पेपर और यहां तक ​​​​कि माचिस जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी को प्रेरित किया है, श्रीलंकाई लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

कंपनियों पर 2.5 फीसदी टैक्स लगाने के बिल को दी मंजूरी

श्रीलंका की कैबिनेट ने सोमवार को हुई बैठक में 12 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों पर 2.5 फीसदी टैक्स लगाने के बिल को मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सामाजिक योगदान लेवी नाम का नया कर आयात, विनिर्माण, सेवा प्रदाताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं के व्यवसायों पर लागू होगा

मौजूदा ऊर्जा संकट को कम करने के उद्देश्य से एक अन्य उपाय में, कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए शुक्रवार को अवकाश घोषित करने को मंजूरी दी है।

हालांकि, यह स्वास्थ्य, बिजली और ऊर्जा, शिक्षा और रक्षा क्षेत्रों के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।

खाद्य संकट को कम करने के लिए सरकार कर रही है प्रयास

कैबिनेट ने आने वाले खाद्य संकट को कम करने के लिए कृषि में संलग्न होने के लिए सरकारी अधिकारियों को अगले तीन महीनों के लिए प्रति सप्ताह एक छुट्टी देने के एक कदम को भी मंजूरी दी। श्रीलंका को पंपिंग स्टेशनों पर ईंधन भरने के लिए लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सरकार को कम से कम तीन महीने के लिए पर्याप्त भंडार बनाए रखने के लिए ईंधन आयात को वित्तपोषित करना मुश्किल लग रहा है।

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