संविधान के मुताबिक डीयू के प्रो. के विरुद्ध सरकार करे कार्रवाई

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लखनऊ, सामाजिक संस्था बहुजन भारत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर रतन लाल की गिरफ्तारी की निंदा की है। संस्था के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि प्रो. रतनलाल की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, सरकार को संविधान के मुताबिक डीयू के प्रो. के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकारें दलित व्यक्ति के खिलाफ किसी भी तरह की कोई भी संविधान विरुद्ध शिकायत पर कार्रवाई कर रहीं हैं, जबकि दलित समाज के विरुद्ध अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उनके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

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उन्होंने कहा कि लखनऊ जिले के तहसील मोहनलालगंज के तहसीलदार निखिल शुक्ल ने दलितों के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी की और उनके खिलाफ लगभग एक महीने के प्रयास के बाद दलित निवारण अत्याचार अधिनियम के खिलाफ मुक़दमा भी दर्ज हुआ, बावजूद इसके अभीतक उनकी गिरफ़्तारी नहीं की गयी, वहीँ लखनऊ विश्वविद्यालय के दलित प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर उन पर पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर लिया, जबकि रविकांत के साथ अभद्रता व मारपीट के मामले में पुलिस की ओर से अभीतक एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे दलित समाज के प्रोफ़ेसरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कहीं कोई तथ्यों के आधार पर भी अपनी बात रखी जाती हैं तो उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में एफआईआर होने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी हो रही है।

कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन सोशल मीडिया पर की जा रही टिप्पणी के आधार पर दलितों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर रही है, लेकिन इसी सोशल मीडिया पर दलितों के विरुद्ध रोजाना सैकड़ों अभद्र, अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट डाली जाती है, शिकायत करने पर भी पुलिस पोस्ट डालने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, सरकार व पुलिस प्रशासन दलितों के खिलाफ पोस्ट करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करे, इससे सामाजिक सामंजस स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि शायद अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर सरकार व अधिकारियों की कुछ और ही राय है। बैठक में संस्था के महासचिव चिंतामणि, उपाध्यक्ष नन्द किशोर, कोषाध्यक्ष राम कुमार गौतम, संयुक्त सचिव कृष्ण कन्हैया पाल, नवल किशोर ने भी अपने विचार रखे।

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